जाट नेताओं का कहना है कि वे आंदोलन को तेज करेंगे। वे नयी रणनीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने इसे अमल में लाने के लिए काम भी शुरु कर दिया है। 26 फरवरी को काला दिवस की तैयारियां जोरों पर हैं। मार्च से दिल्ली की दूध सप्लाई पर विराम लगाया जायेगा। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने यह भी साफ कर दिया है कि सरकार की ओर से गठित कमेटी से आगे कोई वार्ता नहीं की जायेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि जब कमेटी के पास कोई अधिकार ही नहीं, तो बात करने का मतलब कैसा। मलिक ने कहा कि सरकार को ऐसी कमेटी का गठन नहीं करना चाहिए था जिसके अधिकार न के बराबर हैं।
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गौरतलब है कि हरियाणा में जाट आंदोलन को एक माह होने को है। जाट अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण धरने दे रहे हैं। इन धरनों में महिलाएं और बुजुर्गों की संख्या काफी है। आंदोलनकारियों का कहना है कि वे अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले साल हुए जाट आंदोलन के बाद से ही भारी संख्या में युवा जेलों में बंद हैं। उन्हें जेल से छुड़ाने की भी मांग जाट समाज के लोग लंबे समय से कर रहे हैं।
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जाट नेताओं ने सरकार पर आंदोलन को तोड़ने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना है कि खट्टर सरकार के कुछ नेता इस काम में लगे हुए हैं। भाजपा सांसद राजकुमार सैनी पर भी जाट आंदोलन के धरनों में निशाना साधा जा रहा है। सरकार से यशपाल मलिक की पिछले दिनों दो बार वार्ता भी हुई लेकिन वार्ता विफल रही है। अब 26 फरवरी को जाट काला दिवस मनाने जा रहे हैं। साथ ही मार्च से दिल्ली में दूध की सप्लाई रोकने की बात भी की जा रही है।
जाट आरक्षण आंदोलन : जाट नयी रणनीति पर कर रहे हैं काम, आंदोलन तेज होगा
Reviewed by Gajraula Times
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February 25, 2017
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