सर्जिकल स्ट्राइक और हमारे देश की राजनीति

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राजनीतिक बयानबाजी के कारण देश के विकास के मुद्दे पीछे छूट रहे हैं.

सर्जिकल स्ट्राइक का भी जबरदस्त तरीके से राजनीतिकरण किया गया। केन्द्र सरकार से लेकर लगभग सभी दलों ने इसे लेकर अपनी-अपनी बात रखी। कुछ बयानों को सुनकर लगा कि वाहवाही की जा रही है, अपनी पीठ थपथपायी जा रही है। अपने मूंह मियां मिट्ठू बनने की क्रिया फिर से दोहरायी जा रही है। आम आदमी को यह समझ नहीं आया कि ये सर्जिकल स्ट्राइक कितनी खतरनाक होती है, कि सभी जगह घमासान हो रहा है। वह वही देख और सुन-पढ़ रहा था जो उसके सामने पेश किया गया था। लेकिन राजनीतिक बयानबाजी ने पिछले सभी रिकार्डों को तोड़ कर रख दिया था।

भारत की मीडिया खासकर समाजचार चैनल जी-जान से जुटे थे ताकि इस मुद्दे को जमकर भुनाया जा सके। पाकिस्तान मीडिया पर भी वही हाल था। दोनों ओर से देशभक्ति फूट-फूटकर बिखर रही थी।

हमारे नेताओं को ऐसा लग रहा था कि जैसे सर्जिकल स्ट्राइक से चुनाव जीत जायेंगे। भाजपा पर कांग्रेस अभी तक यही आरोप लगा रही है कि वे ऐसे कर रहे हैं, जैसे ऐसा पहले कभी हुआ नहीं हो। इसपर भाजपा खुलकर जबाव देने से बचती रही है। कुछ पार्टियों ने सुबूत तक देने की बात कर डाली। वो अलग बात है कि बाद में उनके नेताओं के बयान अदला-बदली वाले आते रहे।

राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया जिससे राजनीतिक खेमों में अफरातफरी मच गयी। उन्होंने कहा,'हमारे जवानों ने जम्मू कश्मीर में अपना खून दिया, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक किया, आप उनके खून के पीछे छिपे हो। आप उनकी दलाली कर रहे हो, जवानों ने अपना काम किया है, आप अपना काम कीजिए।’

इसपर अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा,'हो सकता है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को नरेंद्र मोदी पर एतराज़ हो लेकिन ये बयान सभी सीमाओं का लांघ गया है। लगता है कि उनके मूल में ही खोट है।’

उसके तुरंत बाद कपिल सिब्बल ने अमित शाह को कहा,'जिन्होंने जेल की हवा खाई हो, जो तड़ी-पार हुए हों, जिनके खिलाफ मर्डर के केस हाें, वे आज हमें बताएगें कि किसके मूल में खोट है?’

सबसे हैरानी वाली बात यह रही कि एक बयान थमता तो उसके जबाव में दूसरा आ जाता। वार और पलटवार का यह खेल अभी भी जारी है।

उससे भी मजेदार स्थिति अरविन्द केजरीवाल के साथ घटी जब उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा,'पाकिस्तान इंटरनेशनल मीडिया में झूठ फैला रहा है और बोर्डर पर पत्रकारों को ले जाकर गुमराह कर रहा है और यह दिखाने की कोशिश कर रहा कि कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई है। मेरी प्रधानमंत्री से अपील है जैसे ज़मीन के ऊपर पाकिस्तान को जवाब दिया ऐसे ही पाकिस्तान के झूठे प्रोपोगैंडा को बेनकाब करें। हम सब आपके साथ हैं।’

फिर क्या था, सोशल मीडिया पर केजरीवाल पर प्रहार हुए। वहीं पाकिस्तानी मीडिया में वे सुर्खियां बन गये।

वैसे, जबतक राजनीतिक लाभ का सिलसिला जारी रहेगा, तो हमारे नेता मौके बे-मौके बिना मतलब के ऐसे मुद्दों पर बयानबाजी करने से पीछे नहीं हटेंगे, जिनके कारण देश हित के अन्य कार्य पिछड़ रहे हैं और देश का विकास बाधित हो रहा है।

-पॉलिटिक्स ब्यूरो.


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सर्जिकल स्ट्राइक और हमारे देश की राजनीति सर्जिकल स्ट्राइक और हमारे देश की राजनीति Reviewed by Gajraula Times on October 14, 2016 Rating: 5
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