समाजवादी पार्टी के साथ कौमी एकता दल का विलय हो गया है। मुख्तार अंसारी फिर से सपा के साथ जुड़ गये हैं। जून में इस विलय को लेकर जो घमासान शुरु हुआ था, वह अभी तक थमा नहीं है। अब ऐसा लगने लगा है, जैसे सपा में द्वंद नये सिरे से शुरु हो सकता है।
विलय को लेकर सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि कौमी एकता दल के विलय से पूर्व सपा के शीर्ष नेताओं ने गहन विचार-विमर्श किया था, जिसके बाद ही मुख्तार अंसारी की पार्टी का सपा में विलय किया गया है। मुलायम सिंह यादव का फैसला अंतिम फैसला है, यानि मुलायम चाहते हैं कि मुख्तार अंसारी सपा को मजबूती दें। लेकिन अखिलेश यादव के तेवर पहले इसे लेकर कड़े हो गये थे और उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से नाराजगी जाहिर की थी।
अखिलेश की नाराजगी इतनी बढ़ गयी थी कि मुलायम सिंह यादव को पीछे हटना पड़ा था और कौमी एकता दल का विलय रद्द करना पड़ा था। अहम भूमिका निभाने वाले मंत्री बलराम यादव को अपने पद से हाथ धोना पड़ा था।
जानकारों का कहना है कि यह विलय सपा परिवार में नये घमासान की शुरुआत कर सकता है जिसके संकेत जल्द मिलने लगेंगे।
-पॉलिटिक्स ब्यूरो.
कौमी एकता दल का सपा में विलय नये घमासान की शुरुआत?
Reviewed by Gajraula Times
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October 06, 2016
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