बिहार में शराबबंदी पर से रोक हटने के बाद शराबियों ने राहत की सांस ली थी। उनकी बेचैनी जश्न में बदल गयी थी। बिहार सरकार की कोशिश नाकाम हो गयी थी। नीतीश कुमार के फैसले को पटना हाइकोर्ट ने गैरकानूनी बताते हुए रद कर दिया था।
पांच अप्रैल से बिहार में शराब पर बैन था। महिलायें इससे प्रसन्न थीं, लेकिन अधिकतर शराब पीने वाले पुरुष नीतीश से नाराज थे।
बिहार सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था। लेकिन मुख्यमंत्री ने चुनाव के समय महिलाओं से जो वादा किया था उसे वे निभा रहे थे। हालांकि जब कहीं शराब की बड़ी खेप पकड़ी जाती तो उसपर बुलडोजर चलाया जाता था। एक तरह से वह बुलडोजर सरकार पर चढ़ता था।
नीतीश कुमार कहते रहे हैं कि शराबबंदी पूरे देश में लागू होनी चाहिए। विपक्ष उनके इस फैसले पर सवाल उठाता रहा है। पिछले दिनों बिहार में जहरीली शराब से 19 लोगों की मौत हुई थी। तब नीतीश कुमार को घेरने की काफी कोशिश की गयी थी, लेकिन विपक्ष का हमला फीका रहा।
बिहार सरकार ने शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए एक कानून बनाया है। उसे विधानमंडल में पारित किया जा चुका है तथा राज्यपाल रामनाथ की मुहर लग चुकी है। गांधी जयंती के अवसर पर उसे लागू किया गया है।
माना यह जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने फैसले से पीछे नहीं हटने वाले। बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट तक जाने की तैयारी कर रही है।
-पॉलिटिक्स ब्यूरो.
शराब पर नहीं सरकार पर चढ़ता था बुलडोजर!
Reviewed by Gajraula Times
on
October 02, 2016
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