कैसे सफल होंगे किसानों के हमदर्द उम्मीदवार?

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किसानों की सरकार बनाने का उनका सपना तभी पूरा हो सकता है जब सारे किसान संगठन एक मंच पर आकर एकता का परिचय दें.

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन भी चुनावी दंगल में कूद गया। उसने जिले की नौगांवा सादात सीट से शिक्षाविद सरदार जगजीत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह कहने में कुछ भी आपत्ति नहीं कि जगजीत सिंह निर्विवाद स्वच्छ छवि के व्यक्ति हैं। शिक्षा के लिए उन्होंने क्षेत्र में बहुत काम किया है तथा वे उसे विस्तार देने में संलग्न हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स. वीएम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष स्वामी अग्निवेश ने गांव नन्हेड़ा अल्यारपुर में आयोजित किसानों की एक सभा में जगजीत सिंह की उम्मीदवारी की घोषणा की। इसी के साथ इन नेताओं ने किसानों से जाति-बिरादरी को छोड़कर केवल किसान बिरादरी को अपनाने का संकल्प दोहराया और किसानों की खुशहाली के लिए राकिमसं के उम्मीदवार को विजयी बनाने का लोगों से आग्रह किया।

कैसे सफल होगा किसान उम्मीदवार?
किसान बिरादरी को एकजुट होकर वीएम सिंह किसानों की सरकार बनवाने के जिस मकसद में जुटे हैं, वह मकसद तभी सफल हो सकता है, जब सभी किसान जाति-बिरादरी को छोड़ केवल किसान समझ कर एक मंच पर आयें। क्या वीएम सिंह यह विश्वास कर चुके कि उनके आहवान पर सारे किसान एक मंच पर आ जायेंगे? यदि उन्हें यह भरोसा है तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि उत्तर  प्रदेश के किसानों का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यही है कि वे विभिन्न जातियों और उपजातियों में बंटे हैं। चुनाव तक वे भले ही एक-दूसरे के साथ रहें लेकिन चुनाव आते ही, राजनीति के सौदागर उनमें जातीय विभाजन करने में सफल हो जाते हैं। उस समय वे अपने तथा अपने परिवार के भविष्य की तरक्की जातीय एकजुटता में देखने लगते हैं। यह बात स्वयं वीएम सिंह ने एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में स्वीकार भी की थी।

यह सभी जानते हैं कि लंबे समय से निस्वार्थ भाव से वे किसानों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें ताकत मिले तो किसानों का भला हो सकता है लेकिन जातीय और साम्प्रदायिकता की बीमारी से किसानों को निजात कैसे मिले?

किसान संगठन एक मंच पर आयें तो बात बने :
वीएम सिंह को चाहिए कि वे भारतीय किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन(असली), भारतीय किसान यूनियन(भानु) सहित सभी किसान संगठनों को एक मंच पर लाने की तैयारी करें। वे प्रयास करेंगे तो इसमें सफल होंगे। किसानों की सरकार बनाने का उनका सपना तभी पूरा हो सकता है जब सारे किसान संगठन एक मंच पर आकर एकता का परिचय दें। इसी से किसान समस्याओं के समाधान का रास्ता भी निकलेगा और किसानों की सरकार भी बनेगी।

-टाइम्स न्यूज़ अमरोहा.


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कैसे सफल होंगे किसानों के हमदर्द उम्मीदवार?  कैसे सफल होंगे किसानों के हमदर्द उम्मीदवार? Reviewed by Gajraula Times on September 22, 2016 Rating: 5
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