हम देश की आजादी की 69वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। हमने आजादी के सात दशकों में काफी लंबा सफर तय किया है। विज्ञान, तकनीक, कृषि, स्वास्थ्य, उद्योग, व्यापार, रक्षा, शिक्षा, यातायात और सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। शहरों से गांवों तक सड़कों का निर्माण हुआ। बिजली और ऊर्जा की पहुंच आम आदमी तक हुई है। निर्धन लोगों के हाथ में भी मोबाईल फोन पहुंच चुका है। ग्रामांचलों में जहां साईकिल भी दुर्लभ चीज थी, वहां लोगों के पास मोटरसाईकिलों की भरमार है तथा गांवों में ऐसे लोगों की संख्या अच्छी खासी है, जिनके पास अपनी मोटर कारें हैं। अधिकांश गांवों में पक्के तथा सुविधायुक्त मकान भी बढ़ते जा रहे हैं।
स्कूल और कालेज भी लगातार बढ़ रहे हैं। आजादी से पूर्व हमारा देश पम्पिंग सैट और उनके पुर्जे भी विदेशों से आयात करता था। आज जहां हम बड़े-बड़े इंजन और ट्रैक्टर तक निर्यात कर रहे हैं। कारों का निर्यात भी हो रहा है। हमारे वैज्ञानिकों की पहुंच मंगल तक है। खाद्यान्न में भी हम आत्मनिर्भर हो चुके बल्कि गेहूं और चावल भारी मात्रा में निर्यात भी कर रहे हैं।
इन सात दशकों में बेशक हमने बहुत प्रगति की है। गरीबी लगातार घटी है। फिर भी आज एक बड़ी आबादी गरीबी और अभाव का जीवन जीने को मजबूर है। भ्रष्टाचार, लूट, हत्यायें और महिलाओं तथा दलितों पर अत्याचार की घटनाओं पर काबू करने में सफल नहीं हो सके। करोड़ों मामले अदालतों में न्याय की प्रतीक्षा में लंबित हैं। स्कूल कालेजों की बढ़ती तादाद पर बढ़ती आबादी हावी है। जहां एडमिशन मिलना सब के लिए मुश्किल है। प्रतिवर्ष बेरोजगारों की तादाद बढ़ती जा रही है जिसका निदान न तो केन्द्र सरकार के पास है और न ही राज्य सरकारें इस ओर कोई ध्यान दे रहीं। स्वरोजगार से नौजवान उदासीन हैं, सभी युवक नौकरी की तलाश में हैं।
नेताओं से निराश जनता सत्ता बदल-बदल कर देखती आ रही है लेकिन समस्यायें घटने के बजाय बढ़ रही हैं। सबसे बड़ी समस्या बढ़ती आबादी है जिसका समाधान कोई सरकार नहीं करना चाहती। एक बार फिर पन्द्रह अगस्त पर आजादी की वर्षगांठ मनाकर आजाद होने की खुशी की परंपरा को बनाये रखने के सिवा कोई चारा नहीं।
-जी.एस. चाहल
आजादी के सात दशक का सफर
Reviewed by Gajraula Times
on
August 18, 2016
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