संसद में कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मौजूदा सरकार पर जो हमला बोला उसका जबाव वित्त मंत्री अरुण जेटली को देना पड़ा, लेकिन वे कई सवालों को दबाते दिखायी दिये। उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर पूरी तरह सफाई नहीं दी क्योंकि वे भी शायद अच्छी तरह जानते हैं कि इस सरकार के काल में महंगाई बेतहाशा बढ़ी है और बढ़ने पर है।
दाल के मसले पर अरुण जेटली ने डिमांड और सप्लाई का गणित समझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि दाल के दाम उपभोक्ता की मांग और उसके उत्पादन पर निर्भर करते हैं। दाल को लेकर पूरा देश चिंता में है।
जेटली बोले कि भारत में दाल सबसे अधिक पैदा होती है। इस साल की पैदावार का जिक्र करते हुए जेटली बोले कि दो करोड़ टन दाल का अनुमान है। सरकार 20 लाख टन का बफर स्टाक रखने की सोच रही है।
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अरुण जेटली ने प्याज के बारे में कहा कि उसके दाम इतने कम हुए थे कि हजारों टन प्याज सड़कों पर फिंका था। किसानों ने प्याज को बोरों में भरकर सड़क पर उडेल दिया था। जेटली ने यह समझाने की कोशिश नहीं की कि प्याज के साथ ऐसा किस कारण हुआ? और क्या अगले साल ऐसा न हो इसके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
राहुल गांधी ने मनमोहन सरकार के किसानों को कर्ज माफी का जिक्र किया था। उसपर अरुण जेटली ने कहा कि किसानों को सरकार ने उनका बकाया दिया है। जहां पहले 27 हजार करोड़ रुपये बकाया था, अब वह घटकर डेढ़ करोड़ रह गया है।
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि थोक महंगाई दर निगेटिव रही है यानि महंगाई कम हुई है। आंकड़ों की बात करके जेटली ने महंगाई कम करने की बात कही, जबकि असलियत में ऐसा है ही नहीं।
कुल मिलाकर सरकार की ओर से महंगाई पर स्पष्ट बात नहीं कही गयी।
-पॉलिटिक्स ब्यूरो.
जेटली ने महंगाई पर जबाव तो दिया लेकिन वे स्पष्ट नहीं कर पाये
Reviewed by Gajraula Times
on
July 28, 2016
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