गरीबों का निवाला निगल रहे विधायक, मंत्री और अफ़सर

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खुले बाजार में गेहूं 18-19 रुपये किलो बिक रहा है और सरकारी राशन की दुकान पर वह दो रुपये को है. तो ऐसे में खुले बाजार में पहुंचाकर डीलर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं.

सरकार द्वारा जारी सस्ता गल्ला उपलब्ध कराने की योजना पहले ही भ्रष्टाचार की शिकार थी। गल्ला विक्रेता, नेता और आपूर्ति विभाग के भ्रष्ट कर्मचारी मिलकर गरीबों और जरुरमंदों को दिये जाने वाले गल्ले का एक बड़ा भाग डकार रहे थे। आयेदिन इस तरह की शिकायतें डीएम और एसडीएम से की जाती रही हैं। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त राशन विक्रेताओं का इन शिकायतों के बाद भी बाल बांका नहीं होता। विभागीय अधिकारी भी इसी कारण कुछ नहीं कर पाते।

जब से दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल का आवंटन शुरु किया गया है तब से इस योजना में भ्रष्टाचार ने सारे ही रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। खुले बाजार में गेहूं 18-19 रुपये किलो बिक रहा है और सरकारी राशन की दुकान पर वह दो रुपये को है। तो ऐसे में खुले बाजार में पहुंचाकर डीलर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। कुछ बंट गया, कुछ बिक गया कि तर्ज पर ये लोग रातों रात अमीर होते जा रहे हैं। इस गल्ले में गोदाम से लेकर दुकान तक डीलर को भी बहुत कुछ खर्च करना पड़ता है। जिसके बल पर उसे भी ज्यादा से ज्यादा माल ब्लैक करने की छूट मिल जाती है।

शहरों से लेकर गांवों तक राशन डीलरों के खिलाफ स्वर तेज हो रहे हैं। अधिकांश स्थानों पर डीलर बदलने की मांगें की जा रही हैं। जिला मुख्यालयों पर इस खुले भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे सूबे में प्रतिदिन लोग नारेबाजी तथा प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं।

अमरोहा जनपद में, जहां सूबे के खाद्य आपूर्ति का घर है, आयेदिन डीएम कार्यालय पर किसी न किसी गांव के लोगों की भीड़ राशन डीलरों के खिलाफ प्रदर्शन करती है। हाथ खड़े किये लोगों की तस्वीरें अखबारों में देखी जा सकती हैं। ये लोग गल्ला न मिलने की शिकायतें लगातार कर रहे हैं। राशन डीलरों की मनमानी की शिकायतें पूर्ति विभाग के अफ्सरों तथा एसडीएम तक से भी की जाती है। इस तरह के मामले आयेदिन अखबारों की सुर्खियां भी बन रहे हैं।

परंतु सबकुछ जानते हुए पूर्ति निरीक्षक से लेकर जिला पूर्ति अधिकारी तक, एसडीएम से लेकर डीएम तक और विधायक से लेकर मंत्री तक चिकने घड़े हो गये हैं। गरीबों के इस बंदरबांट में ये सभी लोग शामिल हैं। जिलेभर के गरीबों की चीख पुकार इन्हें सुनाई नहीं दे रही।

-जी.एस. चाहल.

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गरीबों का निवाला निगल रहे विधायक, मंत्री और अफ़सर गरीबों का निवाला निगल रहे विधायक, मंत्री और अफ़सर Reviewed by Gajraula Times on July 10, 2016 Rating: 5
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