मायावती से अलग हुए 'स्वामी’

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बहुजन समाज पार्टी के लिए यह समय खतरे की घंटी बजने की शुरुआत तो नहीं है? पार्टी के महासचिव और कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा से नाता तोड़ लिया है। उन्होंने मायावती पर टिकट बिक्री के गंभीर आरोप लगाये हैं। माना जा रहा है कि मौर्य समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें मंत्री पद भी दिया जाने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो 27 जून के अखिलेश मंत्रीमंडल विस्तार में मौर्य भी शपथ ग्रहण कर सकते हैं।


स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणा की कि वे मायावती की पार्टी बसपा से अलग हो रहे हैं। मौर्य ने गंभीर आरोप लगाया कि मायावती अगले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट निलाम कर रही थीं।


स्वामी प्रसाद मौर्य को जानें :
  • उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म हुआ।
  • इलाहबाद विश्वविद्यालय से एमए-एलएलबी हैं।
  • 1996 में पडरौना से पहला बार विधायक चुने गये।
  • चार बार विधानसभा चुनाव जीते हैं।
  • मायावती सरकार में मंत्री पद पर रहे।
  • बसपा में कद्दावर नेताओं में जाने जाते थे मौर्य और वे नेता प्रतिपक्ष रहे।


स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी में वे घुटन महसूस कर रहे थे। भीमराव अंबेडकर के विचारों का बसपा में कोई सम्मान नहीं किया जा रहा था, इसलिए वे उससे अलग हो रहे हैं।

मौर्य ने कहा कि मायावती दिखावे के लिए अंबेडकर जयंती मनाती हैं। दलितों की यहां फिक्र नहीं है। दलितों के सपनों को मायावती पलीता लगा रही हैं। टिकटों को पैसे लेकर निलाम किया जाता है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि सौदेबाजी की वजह से बसपा 2012 का चुनाव जीत नहीं सकी। अब 2017 का चुनाव भी इसी कारण हारेगी। उन्होंने मायावती पर भाजपा को मजबूत करने का भी आरोप लगाया।

-पॉलिटिक्स ब्यूरो.

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मायावती से अलग हुए 'स्वामी’ मायावती से अलग हुए 'स्वामी’ Reviewed by Gajraula Times on June 22, 2016 Rating: 5
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