दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के चेहरे पर साफ दिख रहा है कि वे किसी परेशानी में हैं। वे खुद को भरोसा दिला रहे हैं कि सबकुछ ठीक है, लेकिन वास्तव में सबकुछ ठीक नहीं है। आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता जाने की स्थिति बन आयी है। मगर दूसरी ओर यह जितना आसान है कहना कि विधायकों की सदस्यता चुटकी बजते ही चली जायेगी, दरअसल ऐसा भी नहीं है।
आम आदमी पार्टी की सरकार अदालत जा सकती है और विशेषज्ञ इसे आखिरी रास्ता मान रहे हैं।
वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा : "आप के पास समय है कि वो अच्छी तरह से तैयारी करे कि किस आधार पर अपने विधायकों का बचाव कर सकती है. उसके बाद वह अपनी बात को रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकती है." स्रोत : बीबीसी
भारतीय जनता पार्टी के साथ आम आदमी पार्टी के संबंधों पर कई बार बहस हो चुकी है और यह स्पष्ट भी हो चुका है कि दोनों में बहुत ऐसे मसले रहे हैं जिनपर बात बिल्कुल नहीं बनती। केन्द्र में भाजपा की सरकार है और उसका बहुमत होने के कारण अरविन्द केजरीवाल को आराम से घेरा जाता रहा है। भाजपा पूरी कोशिश में जुटी है कि 21 सीटों पर उपचुनाव हो। कांग्रेस ने भी अरविन्द केजरीवाल को घेर लिया है।
वैसे भी पंजाब में चुनाव का माहौल है। भाजपा और कांग्रेस अच्छी तरह जानते हैं कि केजरीवाल के मुकाबले उनकी छवि वहां सुधरी हुई नहीं है। जबकि आम आदमी पार्टी वहां लगातार पैठ बनाती जा रही है।
-पॉलिटिक्स ब्यूरो.
केजरीवाल का आखिरी रास्ता?
Reviewed by Gajraula Times
on
June 16, 2016
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