उत्तर प्रदेश के चुनाव कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें पार्टी की नाक का सवाल है। भाजपा जिस तरह से 'कांग्रेस मुक्त’ भारत के अपने मिशन पर काम कर रही है, उससे लगता है कांग्रेस को एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। पार्टी ऐसा कर भी रही है। प्रशांत किशोर जैसे राजनीतिक एक्सपर्ट की सलाह और निर्देशन में कांग्रेस में उथलपुथल तो है, मगर कांग्रेस सोच रही है कि इससे शायद कुछ सुधार हो जाये।
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने पुराने प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री को हटा दिया है। उनके बदले गुलाम नबी आजाद को यह जिम्मेदारी सौंपी गयी है। गुलाम नबी भी सुलझे हुए नेता माने जाते हैं। पार्टी को उम्मीद है कि आजाद पार्टी की सोई साख को जगाने का काम करेंगे।
वहीं कमलनाथ को पंजाब और हरियाणा की कमान सौंपी गयी है. शकील अहमद को हटा दिया गया है. पंजाब में भी अगले साल शुरुआत में विधानसभा के चुनाव होंगे.
दूसरी ओर कांग्रेस में विधानसभा के लिए किसी ब्राह्मण चेहरे को प्रोजेक्ट करने की चर्चा हो रही है। इसमें प्रमोद तिवारी और जितिन प्रसाद का नाम सबसे आगे चलता बताया जा रहा है। प्रमोद तिवारी सात बार लगातार विधायक रहे हैं। वे प्रदेश सरकार में मंत्री पद पर भी रहे हैं। जितिन प्रसाद मनमोहन सरकार में मंत्री रहे हैं। उन्हें राहुल गांधी का करीबी बताया जाता है।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में ओर बदलाव हो सकते हैं।
-पॉलिटिक्स ब्यूरो.
कांग्रेस में अभी ओर बदलाव होंगे
Reviewed by Gajraula Times
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June 12, 2016
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