कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति को बेहतर किया जा सके। उसके लिए प्रशांत किशोर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। वे आयेदिन कांग्रेस नेताओं के साथ मंथन कर रहे हैं।
बैठकों का दौर जारी है। कई जिलों में उन्होंने अपना कार्यक्रम पहले की घोषित किया हुआ है जिसके तहत वे वहां पहुंचकर स्थानीय नेताओं से मिल रहे हैं, समस्याओं और मुद्दों को समझकर उनपर विचार कर रहे हैं।
यह माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर अभी जमीनी हकीकत से उतने रुबरु नहीं हुए हैं. वे अभी हालात का जायजा लेने में व्यस्त हैं. कुछ समय और लग सकता यह सब करने में. उसके बाद ही वे किसी ठोस नतीजे पर पहुंच सकते हैं कि आगे क्या किया जाये?
फिलहाल कांग्रेस में स्थानीय स्तर पर दोनों तरह की हवायें चल रही हैं। एक यह कि प्रशांत किशोर के कारण कुछ नेता खुश नहीं हैं क्योंकि वे बंदिशों में जीने के आदी नहीं। दूसरा यह कि कुछ नेता इससे संतुष्ट दिख रहे हैं और वे इसे एक आशा की तरह देख रहे हैं कि शायद इस उठापटक से कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में खोया जनाधार लौट आये।
उधर राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि कांग्रेस की यह कोशिश कुछ न कुछ तो रंग दिखायेगी ही। नेताओं को कई नये पाठ भी सीखने को मिल रहे हैं जैसाकि चर्चाओं में है।
-पाॅलिटिक्स ब्यूरो.
उठापटक के बाद कांग्रेस का मंथन
Reviewed by Gajraula Times
on
June 24, 2016
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