आम आदमी पार्टी के नेताओं को पुलिस पकड़ने में देरी नहीं लगाती। यहां पुलिस की चुस्ती की चर्चा तो होती है, लेकिन आम आदमी पार्टी कहती है कि उनके नेताओं पर हर समय ‘इमरजेंसी की तलवार’ लटकी रहती है।
रविवार को जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पीएम निवास की ओर अपने 50 से ज्यादा विधायकों के साथ जा रहे थे तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में चार घंटे तक रखा। हाल में दिल्ली के विधायक और जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया को पुलिस ने पत्रकार वार्ता के बीच से हिरासत में लिया था। उनपर महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार का आरोप लगा था। उनपर दिल्ली के गोविंदपुरी थाने में एक बुजुर्ग को थप्पड़ मारने का मामला भी दर्ज किया गया था।
उसके बाद अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में इमरजेंसी के हालात की बात कही थी।
मनीष सिसोदिया पर भी गाजीपुर सब्जी बाजार संघ के अध्यक्ष पर धमकाने का आरोप लगा था. सिसोदिया अपने विधायकों के साथ पीएम आवास जाकर खुद को पुलिस के हवाले करने जा रहे थे. उन्हें धारा 144 के तहत पकड़ लिया गया और बाद में छोड़ दिया गया था.
मनीष ने उससे पूर्व कहा था कि मोदी जी की दुश्मनी उनसे है, दिल्ली के काम को न रोका जाये। हम सब आपके समक्ष सरेंडर करने आ रहे हैं।
बाद में मीडिया से मुखातिब होते हुए मनीष बोले कि यदि भाजपा को गिरफ्तारी की राजनीति करनी है तो सभी विधायक साथ में गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार उनपर जानबूझकर निशानेबाजी कर रही है। उनके नेताओं को कभी भी पकड़ लिया जाता है। यह किस तरह की राजनीति हो रही है?
-पाॅलिटिक्स ब्यूरो.
‘भाजपा को गिरफ्तारी की राजनीति करनी है’
Reviewed by Gajraula Times
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June 26, 2016
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