उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण शिविर आयेदिन चलते रहते हैं, लेकिन जब वहां हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाये तो प्रदेश के मौजूदा हालात पर सवाल खड़े कर दिये जाते हैं। कहा जाता है कि प्रशिक्षण आत्मरक्षा के लिए हो रहा है।
दुर्गा वाहिनी ने वाराणसी में महिलाओं को हथियारों का प्रशिक्षण दिया था। उसपर खूब हो-हल्ला मचा। सियासी गलियारों में हुई हलचल ने एक अलग हवा बहने का संकेत दिया था।
अब आर्यवीर दल के एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। इसमें लड़कियां और महिलायें हथियार चलाने का प्रशिक्षण लेती देखी गयीं। उनके हाथ में बंदूक, तलवार आदि थे।
- सवाल यह भी उठाये जा रहे हैं कि महिलाओं की उत्तर प्रदेश में यह स्थिति हो गयी है कि उन्हें आत्मरक्षा के लिए हथियार उठाने पर मजबूर होना पड़ रहा है?
- सवाल यह भी उठ रहे हैं कि चुनावी माहौल में इस तरह के शिविर ज्यादा चर्चा में क्यों आते हैं?
अलीगढ़ में आर्य समाज मंदिर परिसर पर आयोजित सात दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर को नाम दिया गया -'आर्य वीरांगना चरित्र निर्माण एवं आत्मरक्षा शिविर’।
शिविर में कई लड़कियां आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं। उन्हें बंदूक चलाने के प्रशिक्षण के साथ ही लाठी, तलवार, जूडो-कराटे की सीख दी जा रही है। साथ ही योग और बौद्धिक विकास भी सिखाया जा रहा है।
आर्यवीर दल से जुड़े लोगों का कहना है कि वे बच्चों के शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उत्थान के लिए इस तरह के प्रशिक्षण शिविर संपूर्ण भारत में लगाने पर विचार कर रहे हैं।
इसपर सियासत शुरु हो गयी है। कुछ राजनीति से जुड़े लोग इसे धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश के तहत देख रहे हैं। उनका आरोप है कि ऐसा करके साम्प्रदायिकता का जहर घुल सकता है।
-पॉलिटिक्स ब्यूरो.
हथियार उठाती आर्य वीरांगना
Reviewed by Gajraula Times
on
June 16, 2016
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